उनकी मार्केटिंग जॉब से उन्हें कई गाँवों का दौरा करने का अवसर मिला था। गाँव में उन्होंने किसानों की समस्या को बेहद करीब से देखा था। खुद ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले प्रकाश ने एग्रीकल्चर सेक्टर में ही कुछ करने का निश्चय किया। उन्होंने किसानों की समस्या और उसके निदान को मद्येनज़र रखते हुए कुछ अलग करने के फैसला किया। 12 साल की नौकरी को अलविदा कह उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे एग्री क्लिनिक एग्री बिजनेस सेंटर को ज्वाइन कर लिया। इस योजना के तहत उन्हें दो महीने का प्रशिक्षण मुहैया कराया गया, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी।
साल 2015 में उन्होंने बैंक लोन की सहायता से "पशुपति एग्रोटेक" नाम से अपनी कंपनी की आधारशिला रखी। शुरुआत में वे इस कंपनी के बैनर तले लो कॉस्ट मशीनरी बनाया करते थे। समय की मांग को देखते हुए उन्होंने 'नैपसैक स्प्रेयर' नामक एक मशीन बनानी शुरू कर दी। यह एक स्प्रेयर मशीन है जिसके जरिए किसान फसलों पर केमिकल्स के छिड़काव में करते हैं। उनकी यह मशीन किसानों के लिए बेहद मददगार साबित हुआ और महज़ 3 महीने में ही उन्हें 5.5 लाख का मुनाफ़ा हो गया।
भास्कर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि "समय की मांग को देखते हुए हमने बैट्री चालित स्प्रेयर भी बनाए हैं जो किसानों की मेहनत को कम करता है।"
इतना ही नहीं उन्होंने एक ऐसा स्प्रेयर भी बनाया है जो ट्रैक्टर के साथ काम करता है जिसकी कीमत 36 हजार रुपए है। उनके इस मशीन की कीमत 1 हज़ार रुपये से लेकर 3 हज़ार रुपये तक होती है। वर्तमान में उनका कारोबार 3-4 राज्यों तक फैला हुआ है और कंपनी का सलाना टर्नओवर लगभग 1 करोड़ रुपए है। प्रकाश आने वाले समय में नवीनतम तकनीक के जरिये अन्य क्षेत्रों में भी कदम रखना चाहते हैं।
कभी चंद हज़ार रुपये की नौकरी करने वाले धन प्रकाश आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। यदि उन्होंने जिंदगी में नौकरी छोड़ अपना कुछ करने का रिश्क नहीं लिया होता तो आज वो भी 10 से 5 की नौकरी कर रहे होते। उनकी सफलता हमें अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
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